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ज़िन्दगी …………………एक पहेली

kahi ankahi
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हमने पूछा ज़िन्दगी से
बता ए ज़िन्दगी ये ज़िन्दगी क्या है ?
वो बोली मत पूछ बन्दिगी से

कि बता ए बन्दिगी ये बन्दिगी क्या है ||


ज़िन्दगी जवानी है ज़िन्दगी एक कहानी है |

रुक जाये तो बर्फ है बह जाये तो पानी है ||


किसी को सुकून दूं मैं ये मेरी भाषा नहीं है

ये मेरा आगाज़ है , मेरी पूर्ण परिभाषा नहीं है


किसी के लिए काँटा हूँ किसी के लिए फूल हूँ मैं |

किसी के सिर का ताज हूँ किसी के पाँव की धूल हूँ मैं ||


हमने कहा

अच्छा चलें ! ज़िन्दगी जी विदा दीजिये |

( हम ज़िन्दगी से मिलने गए हुए थे )

वो बोली ! कहाँ चले ?
पहले मेरी सहेली ‘ मौत ‘ से तो मिल लीजिये ||


हमने कहा आज जाना ज़िन्दगी क्या है ?
ज़िन्दगी तो एक पहेली है |
आप से तो सुन्दर आपकी सहेली है ||

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